ग्रेजुएशन के बाद 2 महीने का किया कोर्स, हर साल ₹15 लाख की कर रहे कमाई
Cashew nut processing: संकेत ने ग्रेजुएशन के बाद खेती-किसानी से जुड़ने का मन बनाया. इसके लिए उसने दो महीने का कोर्स किया. कोर्स पूरा होने के बाद 15 लाख रुपये के निवेश से काजू प्रोसेसिंग यूनिट लगाई.
Cashew nut processing: बजट 2023 में एग्रीकल्चर सेक्टर पर खास ध्यान दिया गया है. इस साल 20 लाख करोड़ रुपये तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन बांटने का टारगेट रखा गया है. खेती पर सरकार का फोकस बढ़ने से अब पढ़े-लिखे युवा इसमें करियर बना रहे हैं. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी तालुका के संकेत दिलीप पुनालेकर ने एग्रीकल्चर साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद खेती (Agriculture) में हाथ आजमाया. इसमें वो सफल रहे और आज वो 15 लाख रुपये से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं.
2 महीने का किया कोर्स
संकेत ने ग्रेजुएशन के बाद खेती-किसानी से जुड़ने का मन बनाया. इसके लिए उन्होंने दो महीने का कोर्स किया. संकेत ने महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जिले के कृष्णा वैली एडवांस्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन, ओरोस में आयोजित उद्यमशीलता कौशल प्रशिक्षण लिया. इसके बाद उसने 'Sneh Cashew' की स्थापना की. उनका कहना है कि काजू को अक्सर 'गरीब आदमी की फसल और अमीर आदमी का भोजन' माना जाता है और यह एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और वैश्विक बाजार में वैल्युएबल नट है.
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काजू की शुरू की खेती
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काजू किसानों की आजीविका का समर्थन करने, रोजगार के कई अवसर प्रदान करने और वैश्विक व्यापार के माध्यम से रिटर्न में सुधार करने के लिए भारतीय काजू उद्योग अनटैप्ड क्षमता है. मैनेज के मुताबिक, वो अपनी 5 एकड़ जमीन में काजू की फसल की खेती कर रहे हैं.
15 लाख रुपये में शुरू किया काजू प्रोसेसिंग का बिजनेस
कोर्स करने के बाद संकेत ने 15 लाख रुपये की पूंजी से 10 टन काजू की कुल प्रसंस्करण क्षमता के साथ काजू प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की. उसने कच्चे काजू खरीदने के लिए 80 किसानों के साथ सहयोग किया. काजू प्रोसेसिंग एडिबल नट उपलब्ध कराने के लिए जरूरी यूनिट ऑपरेशन की एक सीरीज है. अलग-अलग निर्माताओं के बीच प्रोसेसिंग पद्धति में बदलाव काजू में अंतर के कारण होता है. वो कमर्शियल काजू प्रोसेसिंग में शामिल हैं.
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11:52 AM IST